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इजरायल यात्रा पर पीएम मोदी को तोहफे में मिली भारतीय घुड़सवार सेना की पेंटिंग भारतीय इतिहास के एक रोचक कहानी कहती है

भारतीय सैनिक जिनके पास लड़ने के नाम पे सिर्फ तलवार और भाला था ने ना सिर्फ तुर्क्री फौजों को टक्कर दी परन्तु उन्हें हरा कर हैफा शहर को आज़ाद भी कराया ।

Israeli PM Netanyahu gifts Indian soldiers' photo to PM आज की रिपोर्ट पसंदीदा खबर बड़ी ख़बरें 

भारतीय सैनिक जिनके पास लड़ने के नाम पे सिर्फ तलवार और भाला था ने ना सिर्फ तुर्क्री फौजों को टक्कर दी परन्तु उन्हें हरा कर हैफा शहर को आज़ाद भी कराया ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इजरायल में जोरदार स्वागत किया गया। इजरायल में ऐसा स्वागत पहले केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोप का ही किया गया था। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी ने पीएम मोदी को अपने आवास पर प्राइवेट डिनर के लिए बुलाया था।डिनर के दौरान इजरायली पीएम और मोदी के बीच तोहफों का आदान प्रदान हुआ। बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हैफा को आजादी दिलाने में मदद करने वाले भारतीय घुड़सवार दस्ते की पेंटिंग गिफ्ट की।

हैफा, इजरायल का एक शहर है जिसकी आज़ादी भारतीय घुड़सवार दस्ते के बिना मुमकिन नहीं होती । वह घुड़सवार दस्ता जिस ने सिर्फ तलवार और भाले के बदोलत मशीनगन और तोपखाने  से लैस ऑटोमन यानी तुर्की सेना को शिकस्त दी थी ।

बात प्रथम विश्व युद्घ (1914-18) की है।प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तुर्की और जर्मनी की सेना के खिलाफ अंग्रेज लोहा ले रहे थे । ऑटोमन यानी तुर्कों की सेनाओं ने इजरायल के हैफा शहर पर कब्जा कर लिया था और वो वहां के यहूदियों पर अत्याचार कर रहे थे।भारत इस समय अंग्रेजो के अधीन था ।  अंग्रेजो ने भारत की तीन रियासतों जोधपुर, मैसूर और हैदराबाद के घुड़सवार दस्ते को हैफा शहर जीतने का ज़िम्मा दिया । अंग्रेजो ने बाद में हैदराबादी सैनिको को युद्ध की बजाए दूसरे कामों में लगाया यह सोच कर की मुस्लिम होने का कारण शायद वे तुर्कों की सेनाओं से सामना ना करे और सेनाओं में कही फूट ना पड़ जाए । आख़िरकार जोधपुर और मैसूर की सेना युद्ध के मैदान में उतरी । भारतीय सैनिक जिनके पास लड़ने के नाम पे सिर्फ तलवार और भाला था ने ना सिर्फ तुर्क्री फौजों को टक्कर दी परन्तु उन्हें हरा कर हैफा शहर को आज़ाद भी कराया । भारतीय घुड़सवारो ने ऐसी रफ़्तार पकड़ी थी की मशीनगन और तोपों के गति उनके सामने फीकी पढ़ गयी थी ।  हाइफा युद्ध में 44 भारतीय जवान और 63 घोड़े शहीद हुए थे ।

जोधपुर के सेनापति मेजर ठाकुर दलपत सिंह शेखावत ने युद्ध में अपनी ऐसी छाप छोडी की उनकी बहादुरी को सम्मानित करते हुए ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें मरणोपरांत मिलिटरी क्रास पदक अर्पित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने अपने इजरायल दौरे  पे  ठाकुर दलपत सिंह शेखावत के स्मारक पट्टिका का विमोचन किया था ।

PM Modi and PM Netanyahu unveil plaque commemorating Major Dalpat Singh(WW1 hero) in Haifa

भारतीय सैनिकों की इस बहादुरी की कहानी इजरायल के स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल है ।प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए इन भारतीय जवानों के सम्मान में हैफा शहर में एक स्मारक है जहाँ जा कर  पीएम मोदी ने इन भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी थी । पीएम मोदी ने वहा पे तैनात भारतीय सैनिको से बात की और उनके साथ फोटो भी खिचवाए ।

PM Modi pays tribute at cemetery for Indian soldiers of WWI in Haifa

अगर आपने दिल्ली के तीन मूर्ति भवन के सामने सड़क के बीच लगीं तीन सैनिकों की मूर्तियां देखी है तो आपको बता दे की ये मूर्तियां उन्हीं तीन घुड़सवार रेजीमेंटों की प्रतीक हैं जिन्होंने अपनी जान पे खेल कर  हैफा को तुर्की सैनिको से मुक्त कराया था।ये लड़ाई 23 सितंबर 1918 को हुई थी ।भारतीय सेना हर साल 23 सितंबर को हाइफा दिवस के रूप में मनाती है ।

Teen Murti War Memorial was built in memory of soldiers, officers and men of the 15th imperial service cavalry brigade, composed of cavalry regiments from Indian states, who lost their lives in the battle of Hafia

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